भारत के वायुसेना के प्रमुख ने कहा है कि सरकार को सूचना मिली है कि ‘आतंकवादी भारत में 9/11 की तरह हवाई हमलों की योजनाएँ’ बना रहे हैं.

वायुसेना प्रमुख फाली होमी मेजर ने गुरुवार को कहा है कि सरकार को ऐसी सूचना मिली है और इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.

ख़बरें हैं कि इन सूचनाओं के बाद भारत से सभी बड़े हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता बढ़ा दी गई है.

इसी तरह की चेतावनी की बात बुधवार को रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी कही थी.

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि बुधवार को ही सेना के तीनों कमान के प्रमुखों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

सुरक्षा

रक्षामंत्री एके एंटनी ने बैठक में सेना के तीनों प्रमुखों को बताया था कि ऐसी सूचना है कि भारत में चरमपंथी अमरीका में हुए 9/11 की तरह हवाई हमले कर सकते हैं.

समाचार एजेंसियों के अनुसार ख़ुफ़िया तंत्र ने सूचना दी थी कि बाबरी मस्जिद ध्वंस की बरसी पर चरमपंथी भारत में हमला करने के लिए प्रवेश कर सकते हैं.

इस सूचनाओं के बाद दिल्ली, बंगलौर और चेन्नई हवाई अड्डों पर सुरक्षा और सतर्कता बढ़ा दी गई है.

बुधवार को हुई बैठक में रक्षामंत्री एके एंटनी ने सुरक्षा एजेंसियों और ख़ुफ़िया विभागों के बीच तालमेल बढ़ाने की भी बात कही थी जिससे कि ख़ुफ़िया सूचनाओं पर कार्रवाई की जा सके.

वे चाहते थे कि सेना तटीय इलाक़ों में और वायुमार्गों पर सतर्कता बढ़ाए जिससे कि किसी भी चरमपंथी हमले को नाकाम किया जा सके.

मुंबई में हुए हमलों का संबंध पाकिस्तान से होने के भारत के आरोपों की वजह से पाकिस्तान में लोग काफ़ी चिंतित और आशंकित हैं.

आरोप है कि आतंकवादी भारत के लिए कराची से ही रवाना हुए थे.

कराची में एक एयरलाइन के कर्मचारी ने कहा, “वे हमेशा हम पर ही क्यों दोष मढ़ते हैं? जब भी भारत में कुछ होता है, वे कहते हैं कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है लेकिन उनको इसका कोई सबूत नहीं मिलता.”

एक बुटीक के मालिक उनसे सहमत हैं, “हर कोई हमारे पीछे पड़ा है.” उनके ग्राहक भी कहते हैं कि भारत बदला लेने के लिए ‘अपने एजेंटों की मदद से’ कराची में हमले कराएगा.

पाकिस्तान के लोग इन आरोपों से पूरी तरह इनकार तो करते हैं लेकिन ये सच अपनी जगह क़ायम है कि वहाँ स्थित इस्लामी चरमपंथी गुट भारत के ख़िलाफ़ कश्मीर में लड़ाई लड़ते रहे हैं.

संबंध से इंकार

इन्हीं में से एक प्रमुख चरमपंथी गुट लश्करे-तैबा पर भारत की संसद पर 2001 में हुए हमले में शामिल होने का आरोप है, इस हमले ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला दिया था.

पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को संबंधों में दरार आने की आशंका है

पाकिस्तानियों का कहना है कि भारत अपने आरोपों में वास्तविकता का ध्यान नहीं रखता है.

रक्षा विशेषज्ञ हसन अस्करी रिज़वी ने एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में लिखा, “यह बहुत दिलचस्प है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ इतनी बड़ी साज़िश का पता लगाने में तो नाकाम हो गईं और सारा समय पाकिस्तानी गुटों पर आरोप लगाने में बर्बाद कर दिया.”

उन्होंने कहा है, “अगर वे जान गए थे कि इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है तो वे इसे क्यों नहीं रोक पाए? भारत को घर में ही पल रहे कट्टरवाद के सच को समझना चाहिए, अपनी समस्याओं के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाने की निरर्थकता को समझना चाहिए.”

वास्तविकता से दूर

रिज़वी ने पाकिस्तान के लोगों की लगभग आम राय को व्यक्त किया है, भारत पिछले कुछ सालों में अपने ही देश में पल रहे कुछ इस्लामिक गुटों से पैदा होने वाली समस्याओं को नकारता आया है जिसकी जड़ें मुसलमानों के साथ भेदभाव और सांप्रदायिक हिंसा में है.

फरवरी 2007 में नई दिल्ली और लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में हुई बमबारी का आरोप सबसे पहले पाकिस्तान पर लगाया गया था, लेकिन बाद में इसका संबंध एक हिंदू उग्रवादी संगठन से बताया जाने लगा.

पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों ने ही भारत को आगाह किया है कि वह जल्दबाज़ी में किसी निर्णय पर पहुँचने से बचे.

तार पाकिस्तान से जुड़े हैं

राजनीतिक नेताओं ने मुंबई हमलों की निंदा करते हुए इसकी जाँच में बिना शर्त सहायता देने की पेशकश की है और इसमें किसी पाकिस्तानी सूत्र के होने पर उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का वायदा किया है.

पिछले साल जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के नेतृत्व वाली सरकार के जाने के बाद वे भारत के साथ किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं.

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, “मैं चिंतित हूँ क्योंकि मैं इससे अगली कार्रवाई समझ सकता हूँ. हमें सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि स्थिति काफ़ी गंभीर है और भारत के लोग इसे अपना 9/11 की तरह बता रहे हैं.”

संबंधों में दरार

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संबंधों में आई यह दरार जल्द ही भर जाएगी.

शनिवार को एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने कहा कि अगर भारत अपनी सेना बढ़ाएगा तो वे भी उसी तरह से जवाब देंगे.

भारतीय नेताओं ने पाकिस्तान पर दबाव डाला कि वह ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख को भारत भेजे जिसके लिए पाकिस्तान पहले तैयार हो गया लेकिन बाद में एक बैठक करके निर्णय लिया गया कि आईएसआई के प्रमुख नहीं बल्कि एक प्रतिनिधि को भेजा जाएगा.

राष्ट्रपति आसिफ़ ज़रदारी ने इसे संवाद की कमी बताया, तो दूसरों ने इसकी घोषणा करने से पहले सेना से सलाह न लेने का परिणाम बताया.

ज़रदारी ने वादा तो कर दिया था लेकिन पाकिस्तान की सेना इसके लिए तैयार नहीं हुई और निर्णय बदलना पड़ा.

यह देखना अभी बाकी है कि अमरीका और भारत के दबाव से दोनों देशों के संबंधों में आई यह खटास और बढ़ती है या नहीं.

At least 11 Policemen killed in terror attack in mumbai. Police said they killed 5 terrorist in many places after counter attack on terrorist. Mumbai Police loose 3 top police officers like Hemant Karkare, vijay salaskar and Ashok Kamte. Some people are still hostage in Taj Hotel, Trident hotel and Cama Hospital. Army comes out from barreck and enters in Mumbai town for resque opration. Chief Ministor of Maharastra said that terrorist attacked on 11 places in mumbai. Government says 76 people were killed and around 240 is enjoured.

No comment received from R. R. Patil yet ( He said once “Goli ka Jabab Goli se diya jayega”, still undergrounded.).

Prime Minister of India Manmohan singh condemn the terrorist attack (once again after Guwahati).
200 NSG commando 5 battalian Army enters in Mumbai. All Local train, Buses are cancelled.

Now fresh firing in Taj is heared. 4-5 terrorist are still inside the Taj Hotel, Many Taj staff are killed inside Taj. More than 100 people are still hostage in Taj.

Policemen in plain clothes have been deployed in huge numbers, while the Rapid Action Force has taken charge of the situation at the Oberoi.

The fire is raging uncontrollably in certain parts of the hotel, especially on top-most floor. Shreds of glass and embers are bouncing off the burning hotel. Ambulances have been rushed to the spot and are presently on stand-by.

Its attack on Marathi asmita but still we didn’t here any thing from RAJ THACKREY (THEy can bark against only Bihari, UP Walla ha ha ha….).

Every people fears again in mumbai no one is safe here.

Gunmen have carried out a series of co-ordinated attacks across the Indian city of Mumbai (Bombay), killing at least 80 people and injuring 200 more.

The situation is still confused but the city’s main train station, a hospital, a restaurant and two hotels – locations used by foreigners as well as local businessmen and leaders – are among those places caught up in the violence.

There are reports of gunfire and explosions taking place elsewhere in the city, and reports of a hostage situation at a hospital.

Is it realy terrorist attack or people celebrating the indian crecket teams winning in Cuttack. Ha ha ha Lol!!!

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vijaysalaskar
Vijay Salaskar

मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 200 एनएसजी कमांडो, सेना के 50 कमांडो और सेना की पाँच टुकड़ियाँ भेजी हैं.

पुलिस कमिश्नर से मिली जानकारी के अनुसार कई जगह चरमपंथी घुसे हुए हैं और उनके पास अत्याधुनिक हथियार हैं.

ताज होटल, ऑबराय होटल, रेलवे स्टेशन और एक और बिल्डिंग के ऊपर चार-पाँच चरमपंथी हैं और उन्होंने लोगों को बंधक बनाकर रखा है.

चरमपंथियों ने कई जगह अंधाधुंध गोलियाँ चलाई हैं और बहुत से लोगों को घायल किया है लेकिन अभी उनकी संख्या का पता नहीं चल सका है.

हेमंत करकरे इससे पहले रॉ में काम कर चुके हैं और एटीएस प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल अच्छा माना जाता रहा है.

विजय सालस्कर मुंबई पुलिस के अधिकारी हैं जबकि अशोक कामते भी एटीएस के ही अधिकारी हैं और इन दोनों की भी मौत हो गई है.

मुंबई के चरमपंथी हमलों ने शहर की विरासत माने जाने वाले ताज होटल को भी नहीं बख्शा है और इस हमले में होटल को ज़बर्दस्त नुकसान हुआ है.

चरमपंथियों ने न केवल होटल में धमाके किए बल्कि लोगों को बंधक भी बना रखा.

होटल का अत्यंत सुंदर गुंबद टूट गया है और इसे धू धू जलते देख लगता है कि मानो मुंबई टूट कर गिर रही हो.

मुंबई की तस्वीर जहां कहीं भी दिखाई जाती है तो इसकी तस्वीर गेटवे ऑफ इंडिया और ताज होटल ही दिखती है.

यह मात्र होटल नहीं एक प्रतिबिंब है मुंबई में मौजूद इमारतों के वास्तुशिल्प का जो उस शहर के इतिहास की याद ताजा करता है. अब चरमपंथियों के इस हमले में होटल की सुंदरता को ठेस मिली है और शिल्प को भी नुकसान पहुंचाया है.

ब्रितानी काल में अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए सबसे सुंदर इमारतों में ताज होटल का नाम शुमार होता है. इसका निर्माण 1903 में हुआ था और जब यह बना था तो भारत का पहला लक्ज़री होटल था.

इसके निर्माण में क़रीब ढाई लाख पाउंड लगे थे और यह वो जगह थी जहां भारत के वायसराय महाराजओं और बड़े लोगों से मिला करते थे.

आज़ादी के बाद भी इसकी सुंदरता न केवल बरकरार रही बल्कि इसका महत्व भी वैसा ही बना रहा.

हर साल इस इमारत में बदलाव होते रहे और नई इमारतें जुड़ती रहीं लेकिन इसकी ख़ूबसूरती कभी घटी नहीं, बढ़ती ही रही.

अरब सागर की लहरों के थपेड़े हमेशा ताज होटल और यहां ठहरने वालों को थपकियां देकर सुलाते रहे लेकिन अब यहां आने वाले भी चरमपंथियों के हमले से सहम गए होंगे.

कह सकते हैं कि मुंबई के दिल पर किया गया यह हमला एक बार को पूरी मुंबई को झकझोर कर रखने की क्षमता रखता है.

इस ताज होटल का निर्माण 1903

मुंबई में आतंकवादियों ने एक इजरायली परिवार को बंधक बना लिया है. मुंबई में हुई सीरियल फायरिंग और धमाकों में अब तक 80 लोगों के मरने की प‍ुष्टि हो गई है.

इन धमाकों की जिम्‍मेदारी हैदराबाद डक्‍कन मुजाहिद्दीन ने ली है. होटल ताज में हुए धमाके के बाद आग फैल गई. होटल ताज और ओबरॉय में सेना प्रवेश कर चुकी है. होटल ताज में 1000 लोगों के फंसने की खबर है.

केंद्रीय सहायता

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केंद्रीय शिवराज पाटिल ने देर रात दिल्ली में पत्रकारों से हुई चर्चा में बताया कि केंद्र सरकार ने 200 एनएसजी कमांडो को मुंबई पुलिस की सहायता के लिए रवाना किया गया है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस सहायता की माँग पर सेना के 50 कमांडो और सेना की पाँच टुकड़ियाँ वहाँ रवाना की गई हैं.

उन्होंने बताया कि सेना और नौसेना को तैयार रहने को कहा गया है.

केंद्रीय गृहमंत्री का कहना था कि महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक से लेकर मुंबई के पुलिस कमिश्नर तक सभी छोटे बड़े अधिकारी घटनास्थल पर हैं और कार्रवाई का दिशा निर्देशन कर रहे हैं.

उनका कहना था कि पुलिस कमिश्नर से मिली जानकारी के अनुसार कई जगह चरमपंथी घुसे हुए हैं और उनके पास अत्याधुनिक हथियार हैं.

शिवराज पाटिल के अनुसार चरमपंथियों ने कई जगह अंधाधुंध गोलियाँ चलाई हैं.

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा है कि अभी यह अनुमान लगाना ठीक नहीं होगा कि इन घटनाओं के पीछे कौन है.

उन्होंने गुरुवार की सुबह घटना के विस्तृत विवरण देने की बात कही है.

श्रीलंका की सरकार का कहना है कि सेना देश के उत्तरी इलाक़े में तमिल विद्रोहियों के प्रशासनिक मुख्यालय किलीनोची पर कब्ज़ा करने के क़रीब है. ये तमिल विद्रोही संगठन एलटीटीई के बड़े अड्डों में से एक है.

कोलंबों में सेना के प्रवक्ता ने कहा कि कई दिन के घमासान के बाद उसे संकेत मिले हैं कि एलटीटीई उस इलाक़े और शहर के पीछे हटने की तैयारी कर रहा है.

लेकिन एलटीटीई की ओर से किलीनोटी और उसके आसपास हो रही लड़ाई के बारे में कोई बयान नहीं आया है.

एलटीटीई को ख़ासा नुकसान

समाचार एजेंसियों के अनुसार श्रीलंका की सेना तमिल विद्रोहियों के मुख्य अड्डे की ओर लगातार बढ़ रही है.

सेना के प्रवक्ता का ये भी कहना है कि सैनिक उत्तर-पूर्वी तटवर्ती मुल्लईटिवू शहर में भी दाख़िल होने के क़रीब हैं. माना जाता है कि एलटीटीई के अधिकतर लड़ाके, अन्य जगह से पीछे हटने के बाद, इस इलाक़े में जमा हुए हैं.

श्रीलंका से अलग होकर तमिल राज्य की स्थापना करने के प्रयास कर रहे एलटीटीई के लिए पिछले कई महीनों की लड़ाई बहुत ही घाटे का सौदा रहा है और उसने अपने कब्ज़े वाला ख़ासा इलाक़ा सेना को खो दिया है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्पष्ट किया है कि उन्हें एलटीटीई के आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प मंज़ूर नहीं होगा.