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मुंबई में हुए हमलों के ठीक एक हफ़्ते बाद बुधवार की शाम गेटवे ऑफ़ इंडिया और ताज महल होटल के आसपास हज़ारों हज़ार लोगों ने रैली निकाल कर एकजुटता का प्रदर्शन किया है.

दूसरी तरफ़ छत्रपति शिवाजी टर्मिनल (सीएसटी) पर दो बम मिले हैं जिन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है.

ताज के पास मौजूद बीबीसी संवाददाता पाणिनी आनंद का कहना है कि रैली में शामिल लोगों के हाथों में तख़्तियाँ और बैनर थे, जिन पर लिखा है. ‘मुंबई मेरी जान’, ‘आई लव माई मुंबई’ और ‘ऐनफ़ इज़ ऐनफ़’. बहुत से लोगों के हाथों में तिरंगा झंडा भी था.

मीडिया का आभार

प्रदर्शनकारियों ने कुछ तख़्तियाँ पर मीडिया का आभार व्यक्त किया गया था और लिखा गया था, ‘देश के नेताओं और प्रशासन की कलई खोलने के लिए धन्यवाद’.

नेताओं और सरकारी अधिकारी की लापरवाही के ख़िलाफ़ गुस्सा प्रकट करने के साथ-साथ चरमपंथियों को ये बाताना के लिए आए हैं कि वो हमले करके मुंबई को बांट नहीं सकते हैं और न ही मुंबई की स्पिरिट को कम नहीं कर सकते हैं

प्रदर्शनकारियों का बयान

रैली में सभी वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया. जिनमें छात्र, स्वयंसेवी संगठन के लोग, प्रोफ़ेसर, बुद्धिजीवी, पेज़ थ्री की शख़्सियतें, उद्यमी और बॉलीवुड के सितारे भी शामिल थे.

इस रैली की ख़ास बात इस में शामिल लोगों का कहना था कि वो किसी राजनीतिक पार्टी या किसी संगठन के बुलावे पर नहीं आए हैं बल्कि वो अपनी अंतरआत्मा की आवाज़ पर यहाँ आए हैं.

रैली में सभी विचारधारा के लोगों ने हिस्सा लिया है. नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के बच्चों ने भी इस रैली में भाग लिया है और ये बच्चे एनसीसी की पोशाक में थे.

लोगों का कहना है का देश में सकल घरलू उत्पाद की विकास दर आठ प्रतिशत है लेकिन देश में आतंकवाद की बढ़ोत्तरी दर 100 प्रतिशत है.

इस रैली में कहीं कोई मंच नहीं सज़ा हुआ था और न ही कहीं कोई भाषणबाज़ी हुई. लोग मोमबत्तियाँ जलाकर मरने वालों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे थे.

रैली में शामिल लोगों से जब रैली के मक़सद के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, ” हम नेताओं और सरकारी अधिकारी की लापरवाही के ख़िलाफ़ गुस्सा प्रकट करने के साथ साथ चरमपंथियों को ये बाताने के लिए आए हैं कि वो हमले करके मुंबई को बांट नहीं सकते हैं और न ही मुंबई की ‘स्पिरिट’ को कम नहीं कर सकते हैं.