मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ख़ासा बढ़ गया है.

पाकिस्तान से माँग की गई है कि वह उन भगोड़ों और चरमपंथियों को भारत को हवाले करे जो वहाँ रह रहे हैं.

पिछले हफ़्ते मुंबई में कई जगहों पर किए गए चरमपंथी हमलों में 189 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी और अनेक घायल हो गए थे.

भारत के विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने समाचार एजेंसियों को बताया कि सोमवार की रात जब दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त के साथ बैठक में भारत ने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी तब इन संदिग्ध चरमपंथियों की सूची भी उन्हें सौंपी गई थी.

‘गिरफ़्तार करें, भारत को सौंपें’

उन्होंने बताया, “भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे उन सभी लोगों को गिरफ़्तार किया जाए और भारत के हवाले किया जाए जिनकी क़ानून के तहत भारत में तलाश है. ये सूची बदलती रहती है लेकिन ऐसे क़रीब 20 लोगों की सूची हमने पाकिस्तान को दी है.”

भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे उन सभी लोगों को गिरफ़्तार किया जाए और भारत के हवाले किया जाए जिनकी क़ानून के तहत भारत में तलाश है. ऐसे क़रीब 20 लोगों की सूची हमने पाकिस्तान को दी है

प्रणव मुखर्जी

इस सूची में वर्ष 1993 में मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों के कथित ‘मास्टरमांइड’ दाउद इब्राहिम और कश्मीर में सक्रिय रहे मौलाना मसूद अज़हर शामिल हैं.

भारत ने इन लोगों को ‘मोस्ट वांटेड’ की सूची में रखा है.

ग़ौरतलब है कि भारत का दावा है कि माफ़िया सरगना दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है जबकि पाकिस्तान इसे ग़लत बताता रहा है.

पाकिस्तान ने कहा है कि वह सूची मिलने पर उसका अध्ययन करेगा और फिर प्रतिक्रिया देगा. उधर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि ये नाज़ुक वक़्त है और “आतंकवाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए चुनौती है”.

पाकिस्तान ने कहा है कि उसने भारत के सामने संयुक्त जाँच की पेशकश रखी है. लेकिन पाकिस्तान ने ये भी कहा है कि भारत को पुख़्ता सबूत देने चाहिए कि इन चरमपंथी हमलों में पाकिस्तान का हाथ था.