सात एकदिवसीय मैचों में से चार वनडे जीतकर पहले ही सिरीज़ पर कब्ज़ा जमा चुकी भारतीय टीम ने इंग्लैंड को पाँचवे वनडे में हरा दिया है.

कटक में खेल गए वनडे में भारत ने इंग्लैंड को छह विकेट से हराया.

हालांकि भारत ने इंग्लैंड के 270 रन के जवाब में ठोस शुरूआत की थी लेकिन सलामी बल्लेबाज़ सचिन के आउट होने के बाद दो और विकेट जल्दी-जल्दी गिरे.

सचिन तेंदुलकर पचास रन बनाकर आउट हुए और उनके बाद आए युवराज सिंह भी सिर्फ़ छह रन के स्कोर पर आउट हुए.

शतक की ओर बढ़ रहे वीरेंदर सहवाग भी 91 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए.

एक समय जहाँ भारत का स्कोर बिना नुक़सान के 136 रन था वहीं अब 156 रन पर तीन विकेट गिर चुके थे.

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस समय भारतीय पारी को दोबारा जमाने में जुटे हैं.

इससे पहले इंग्लैंड ने ख़राब शुरुआत के बाद कप्तान पीटरसन के शतक की मदद से सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर लिया था.

इंगलैंड ने चार विकेटों के नुक़ासान पर निर्धारत 50 ओवरों में 270 रन बनाए हैं और भारत को 271 रनों की चुनौती दी है.

कप्तान पीटरसन ने शानदार बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया और नौ चौको और एक छक्के की मदद से अपने कैरियर का सातवाँ एकदिवसीय शतक पूरा किया और पारी ख़त्म होने तक 111 रन बनाकर नाबाद रहे.

इंगलैंड की तरफ से ओवैस शाह दूसरे खिलाड़ी रहे जो पचास का आंकड़ा पार करने में सफल रहे.

उन्होंने तेज़ बल्लेबाज़ी करते हुए मात्र 48 गेंदो पर अपना अर्धशतक पूरा किया. ओवैस पारी समाप्ति तक 66 रन बनाकर नाबाद रहे.

इससे पहले भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया था.

शुरुआत

इंगलैंड की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही और 33 के स्कोर पर जहाँ कुक के रुप में पहला विकेट गिरा तो 68 के स्कोर पर दूसरे सलामी बल्लेबाज़ रवि बोपारा भी सस्ते में आउट हो गए थे.

दोनों सलामी बल्लेबाज़ों को ज़हीर ख़ान ने पवैलियन लौटाया. कुक 11 और बोपारा 24 रनों का योगदान दे सके.

जबकि तीसरा और चौथा विकेट एक ही रन बनने के बाद गिर गया था. तीसरे विकेट के गिरने पर इंगलैंड का स्कोर 157 था. तीसरे विकेट के तौर पर कोलिंगवुड ने 40 रन बनाए. जबकि फ्लिंटॉफ बिना खाता खोले ही ईशांत शर्मा की गेंद पर आउट हो गए.

लेकिन पाँचवे विकेट के रुप में पीटरसन और ओवैस शाह की साझेदारी ने टीम को सम्मानजनक स्कोर बनाने का अवसर दिया. इन दोनों खिलाड़ियों की 100 रनों की साझदारी रही.

गेंदबाज़ी

ज़हीर खान ने बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए दो विकेट लिए

भारत की तरफ़ से दो विकेट लेकर ज़हीर ख़ान सबसे अच्छे गेंदबाज़ साबित हुए और इरफान पठान मंहगे साबित हुए जिन्होंने 10 ओवरों में बिना विकेट लिए 57 रन दिए.

हरभजन सिंह ने 10 ओवरों ने 47 रन देकर एक विकेट झटके तो ईशांत शर्मा ने 10 ओवरों में 54 देकर एक विकेट लिए.

भारत ने चार मैच जीतकर सात मैचों की शृंखला जीत ली है जबकि इंग्लैंड की कोशिश है बाकी के तीन मैच जीतकर इज्ज़त बचाने की.

कटक के बाद दोनों टीमें छठा एक दिवसीय मैच खेलने के लिए गुवाहाटी जाएँगी जबकि सीरिज़ का आख़िरी मैच दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर होगा.

वनडे सीरिज़ के बाद भारत और इंग्लैंड दो टेस्ट मैच भी खेलेंगें. पहला टेस्ट 11 दिसबंर से अहमदाबाद में, और दूसरा 19 दिसंबर से मुंबई में होगा.

धोनी

हरभजन और अमित मिश्रा की घूमती गेंदों के आगे नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने घुटने टेक दिए. इसी के साथ भारत ने सिरीज़ पर 2-0 से क़ब्ज़ा कर लिया है.

जीत के लिए 382 रनों का पीछा करती हुई विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम चायकाल के ठीक पहले 209 रनों पर ढेर हो गई.

हरभजन की गेंद पर मिचेल जॉनसन के पगबाधा आउट होते ही भारत ने बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी पर अपनी मुहर लगा दी.

संक्षिप्त स्कोर
भारत (पहली पारी)-441 रन
ऑस्ट्रेलिया – 355 रन
भारत (दूसरी पारी)- 295
ऑस्ट्रेलिया – 209 ऑल आउट
नतीजा – भारत 172 रनों से जीता

इसके साथ ही भारत ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दक्षिण अफ़्रीका को पीछे धकेल दूसरा स्थान हासिल कर लिया.

क्रिकेट की दुनिया से सौरभ गांगुली की विदाई इससे बेहतर तरीके से और क्या हो सकती थी.

नागपुर में मिली शानदार जीत

ये मैदान पर सौरभ का आख़िरी दिन था और मैच का भी निर्णायक पल. अचानक धोनी ने सौरभ से कुछ कहा और उसके बाद ऐसा लगा मानो दादा कप्तानी संभाल रहे हों.

वो खिलाड़ियों को दिशा निर्देश दे रहे थे और फ़ील्डरों को उनकी जगह बता रहे थे. ऐसा लग रहा था शायद दादा के सम्मान में धोनी ने उन्हें कप्तानी सौंप दी हो.

घातक गेंदबाज़ी

मैथ्यू हेडन और साइमन कैटिच ने बेहद आक्रामक अंदाज़ में पाँचवें दिन की शुरुआत की. सिरीज़ में 1-0 से पीछे चल रहे कंगारुओं के पास आक्रामक होने के अलावा कोई चारा भी नहीं था.

लेकिन ईशांत शर्मा ने शानदार तेज़ गेंदबाज़ी का नमूना पेश करते हुए कैटिच और माइकल क्लार्क को पैवेलियन भेज दिया. कैटिच ने 16 और क्लार्क ने 22 रन बनाए.

धोनी
हेडन के विकेट ने मैच का रुख़ भारत की ओर मोड़ दिया

कप्तान रिकी पोंटिंग महज आठ रन बनाकर अमित मिश्रा के हाथों रन आउट हो गए.

तब लगा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी दबाब में आ गई लेकिन हेडन और माइक हसी ने रन रेट पाँच से ऊपर रखते हुए ज़बर्दस्त बैटिंग की और एक समय भारतीय दबाव में नज़र आने लगे.

तभी चतुर महेंद्र सिंह धोनी ने अमित मिश्रा को गेंदबाज़ी की कमान सौंपी और उन्होंने हसी को 19 के निजी स्कोर पर स्लिप में कैच करा बड़ी कामयाबी दिलाई.

लेकिन हेडन का विकेट मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुई. तेज़ी से रन बटोर रहे हेडन को 77 के स्कोर पर हरभजन ने पगबाधा आउट करा भारत की राह आसान कर दी.

हरभजन ने चार और अमित ने तीन विकेट हासिल किए. ईशांत ने दो शिकार बनाए.

चौथा दिन

चौथे दिन का खेल ख़त्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने बिना कोई विकेट गँवाए 13 रन बना लिए हैं. मैथ्यू हेडन पाँच और साइमन कैटिच आठ रन पर नाबाद हैं.

इससे पहले वीरेंदर सहवाग और मुरली विजय, उसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और हरभजन सिंह की अच्छी बल्लेबाज़ी की बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 295 रन बनाए.

पहली पारी के आधार पर भारत को 86 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त मिली है. पहली पारी में भारत ने 441 रन बनाए थे जबकि ऑस्ट्रेलिया ने जवाब में 355 रन बनाए.

दूसरी पारी में भारत की ओर से वीरेंदर सहवाग ने सर्वाधिक 92 रन बनाए, जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 55 और हरभजन सिंह ने 52 रनों की पारी खेली. मुरली विजय ने 41 रन बनाए.

जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से शेन वॉटसन और जेसन क्रेज़ा ने चार-चार विकेट लिए. अपना पहला टेस्ट खेल रहे क्रेज़ा ने पहली पारी में आठ विकेट लिए थे. इस तरह अपने पहले टेस्ट में क्रेज़ा ने कुल 12 विकेट चटकाए.

दूसरी पारी में एक बार फिर वीरेंदर सहवाग और अपना पहला टेस्ट खेल रहे मुरली विजय ने शानदार शुरुआत दी. सहवाग ने अपने अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की तो मुरली ने संयम के साथ.

दोनों ने पहले विकेट के लिए 116 रन जोड़े. लेकिन मुरली विजय के 41 रन पर आउट होते ही एक बार फिर भारतीय पारी लड़खड़ा गई.

राहुल द्रविड़ फिर नाकाम रहे और सिर्फ़ तीन रन बनाकर आउट हो गए. लग रहा था कि वीरेंदर सहवाग इस बार शतक लगा ही लेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 92 रन के निजी स्कोर पर सहवाग ब्रेट ली की गेंद पर आउट हो गए.

बल्लेबाज़ी

भारत के तीन विकेट 142 रन पर गिर गए. इसके बाद लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर ने संभल कर खेलना शुरू किया. लेकिन दोनों खिलाड़ी काफ़ी दबाव में खेल रहे थे.

धोनी
क्रेज़ा ने पहले टेस्ट में कुल 12 विकेट लिए

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने काफ़ी अच्छी रणनीति बनाई और फ़ील्डिंग भी ऐसी लगाई कि दोनों खिलाड़ियों के लिए रन बनाना मुश्किल हो रहा था. दबाव में पहले टूटे वीवीएस लक्ष्मण. क्रेज़ा की गेंद पर वे क्लीन बोल्ड हो गए.

लक्ष्मण ने 34 गेंद पर सिर्फ़ चार रन बनाए. अपना आख़िरी टेस्ट खेल रहे गांगुली ने पहली पारी में 85 रन बनाए थे लेकिन दूसरी पारी में वे बिना कोई रन बनाए पहली ही गेंद पर आउट हो गए.

सचिन भी अपने अंदाज़ में नहीं खेल पा रहे थे. उनकी कोशिश लग रही थी कि विकेट न गिरे. लेकिन एक रन लेने की कोशिश में वे रन आउट हो गए.

सचिन ने 55 गेंद पर 12 रन बनाए. इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और हरभजन सिंह ने बिना दबाव आक्रामक पारी खेलना शुरू किया. दोनों ने तेज़ी से रन बटोरने शुरू किए.

धोनी ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया लेकिन वे 55 रन बनाकर आउट हो गए. भज्जी और धोनी ने सातवें विकेट की साझेदारी में 108 रन बनाए. लेकिन साझेदारी टूटते ही भारतीय पारी फिर बिखर गई.

हरभजन सिंह 52 रन बनाकर आउट हुए. भारत की पूरी टीम 295 रन पर आउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया की ओर से शेन वॉटसन और जेसन क्रेज़ा ने चार-चार विकेट लिए. ब्रेट ली को एक विकेट मिला.