जय माता की !

सनातन हिंदू धर्मं में कही भी इस बात की चर्चा नही की गई है किसी देवी-देवता को किसी पशु-पक्षी या अन्य जीव की बली देनी चाहिए या बली देने से मनोकामना पूर्ण होती है ! फिर भी माँ दुर्गा या उनके अन्य रूपों को पशु-पक्षी की बली दी जा रही, वो माँ दुर्गा जिनको जगत-जननी कहा जाता है, मनुष्य, पशु-पक्षी आदी सभी जीव जिनके संतान है, जो ब्रह्मांड के सभी जीवो की परमममतामई माँ है उनके ही सामने उनके संतान की अंधविश्वासियों और धर्मान्धियों द्वारा गला रेत कर निर्दयता पूर्वक हत्या की जाती, क्या अपने संतान की ये हालत देखकर माता को दुःख नही होता होगा ? क्या उनका कलेगा नही फटता होगा ? दुनिया की कोई भी माँ अपने संतान के आँख से आंशु का एक बूंद भी नही देख सकती फिर अपने ही संतान की अपने आँखों के सामने हत्या होते देख कर वो जगत जननी माँ कितना दुखी होती होगी ?

अतः आपसब से प्रार्थना है की इस कुप्रथा को समाप्त कराने में सहयोग करे !

ये बली देने का काम देश के अन्य मंदिरों के साथ-साथ थावेवाली माता के मन्दिर में भी होती है | आईये इस सुभ कार्य की शुरुआत माता थावेवाली के मन्दिर से करते है लोगो को समझाते-बुझाते है की बली देना बंद करे और माता से क्षमा मांगे , करुनामई माँ उन्हें अवश्य क्षमा कर देंगी, आखीर कही–न-कही से शुरुवात करनी ही होगी तभी देश के बाकी हिस्सों में भी इसका अच्छा असर होगा |

मित्रों आइये संकल्प ले की माता थावेवाली के मन्दिर में होनेवाले बली को अब और नही होने देंगे, बली देने वाले नासमझ लोगो को समझा-बुझाकर उन्हें सही रस्ते पर लायेंगे और जगत जननी माँ जगदम्बा के हिर्दय को अब और कष्ट नही पहुँचने देंगे |

इस कुप्रथा को पूर्ण रूप से और यथाशीघ्र कैसे समाप्त किया जा सकता है आप अपना सुझाव अवस्य दिजिये |
यदि आप बली प्रथा का समर्थन करते है तो इसके पक्ष में सम्बंधित धर्मं-ग्रन्थ का प्रमाण दिजिये |

आईये हम सब मिलकर बली देने वाले अपने मित्रो, परिजनों को जागरूक बनाये और ये घोर पाप और जघन्य अपराध करने से उन्हें रोके !

जय माता की !

आपका अपना
अजित तिवारी

http://www.jaimaathawewali.com