मुंबई में हुए सुनियोजित चरमपंथी हमले की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए विलासराव देशमुख ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

देशमुख ने गुरुवार को अपना इस्तीफ़ा राजभवन में राज्यापाल एससी जमीर को सौंपा. राज्यपाल ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद संभालने को कहा है.

राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंपने के बाद देशमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दो बार राज्य की ज़िम्मेदारी सौंपने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति आभार जताया.

सबसे दुखद

उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हमें लोगों की नाराज़गी का सम्मान करना चाहिए.”

मुंबई पर हुए चरमपंथी हमले को अपने कार्यकाल का सबसे दुखद क्षण बताते हुए देशमुख ने कहा, “हम बहुत से लोगों की जान नहीं बचा सके.”

हमलों के बाद ताज होटल के दौरे के समय निर्माता-निर्देशक राम गोपाल वर्मा को अपने साथ ले जाने को देशमुख ने ‘एक भूल’ बताया.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के मुख्यमंत्री बदलने के फ़ैसले से राज्य सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का कोई लेना-देना नहीं है.

मैंने बहुत समय तक सरकार में काम किया है और अब मेरी यह ज़िम्मेदारी है कि मैं पार्टी के लिए काम करूं

विलासराव देशमुख

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैंने बहुत समय तक सरकार में काम किया है और अब मेरी यह ज़िम्मेदारी है कि मैं पार्टी के लिए काम करूं”

उन्होंने कहा कि अब पार्टी ही यह फ़ैसला करेगी कि मुझे लोकसभा का चुनाव लड़ना है या कोई और चुनाव.

उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार में किए गए विकास कार्य कांग्रेस को अगला चुनाव जिताने में मदद करेंगे.

नए नेता का चयन

जब उनसे राज्य के अगले मुख्यमंत्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम फ़ैसला विधायक और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी.

महाराष्ट्र के प्रभारी एके एंटोनी ने बुधवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि पार्टी हाईकमान ने विलासराव देशमुख को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के लिए कहा है.

मुंबई में गुरुवार को विधायक दल की बैठक हो रही है. जिसमें विधायक दल के नए नेता का चयन किया जाएगा. बैठक में एके एंटोनी और प्रणव मुखर्जी भी मौज़ूद रहेंगे.

मुंबई हमलों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सदस्य और उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री आरआर पाटिल के इस्तीफ़े के बाद मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख पर भी इस्तीफ़े का दबाव था.

इससे पहले इसी मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने इस्तीफ़ा दिया था.